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 नमस्कार दोस्तों आज हम इस आर्टिकल के जरिये माइग्रेन (सिरदर्द ) होने के कारण, लक्षण वा इसके विकास प्रकिया वा उपचार के बारे मे बिस्तार मे जानेंगे.



माइग्रेन क्या है | What is migrain in hindi 

माइग्रेन  ग्रीक hemicrians शब्द से उत्पन्न हुवा है, जिसका मतलब है, सिर के एक हिस्से का दर्द  ये दर्द माइल्ड से सीवियर हो सकता है.

माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल  समस्या है, जिसकी वजह से सिर के एक हिस्से मे दर्द महसूस होता, या कम वा ज्यादा भी हो सकता है, ये पुरे सिरदर्द मे भी परिवर्तित हो जाता है, माइग्रेन का अटैक समनत्या महीने मे दो से तीन बार आ सकता है, माइग्रेन मे सिर मे दर्द कभी - कभी कुछ समय के लिये वा कभी 2-3 दिन तक भी हो सकता है, अगर इसका सही समय पर इलाज ना कराये तोह लक्षण और भी गंभीर हो सकता है अत: यदि आपको माइग्रेन अटैक महीने मे 3बार से ज्यादा आता हो तोह ऐसे मे डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें 



माइग्रेन होने का कारण | Migrain Etiology in hindi 

•माइग्रेन होने का के कई कारण है, इसमें कुछ कारण आपके जीवनशैली, पर्यावरण कारण,  आहार वा .... आदि कारण है.

1- यदि आपके परिवार मे पहले किसी को माइग्रेन की समस्या हो तोह ऐसे मे आपको माइग्रेन होने की सम्भावना बढ़ जाती है.

2- माइग्रेन को बढ़ाने मे कुछ मौसम सम्बंधित कारण भी हो सकते है 

3- आपके लाइफ मे सबसे महत्वपूर्ण भूमिका आपके स्वास्थ्य सम्बंधित आपका जीवनशैली के ऊपर निर्भर करता है जैसे की माइग्रेन की समस्या को ट्रिगर करता है, आपकी खराब जीवनशैली, जैसे पर्याप्त नींद ना लेना, कोई फिजिकल एक्टिविटी ना करना, खाद्य पदार्थ मे संतुलित आहार ना करना बाहर का तला हुवा फ़ास्ट फ़ूड का सेवन करना... आदि 

4- महिलाओं मे विशेष रूप से माइग्रेन बढ़ने का कारण हॉर्मोनल परिवर्तन है.महिलाओ मे मासिक धर्म, गर्भवस्था, के दौरान हार्मोनल परिवर्तन माइग्रेन को ट्रिगर करता है.

Etiopathogensis of migrain 

माइग्रेन की चरण | phases of migrain 

माइग्रेन के चार चरण होते है.

1- प्राथमिक (Prodrome) - इस चरण मे व्यक्ति का मूड वा बर्ताव मे बदलाव आता है.ये चरण सिर दर्द होने कुछ घंटो पहले शुरुवात होता है.

इस चरण मे निन्मलिखित लक्षण महसूस होते है?

•मरीज अधिक प्रकाश, ध्वनि वा अत्यधिक तेज महक से संवेदनशील हो जाता है.

•थकान 

•भूख की कमी 

•बहुत अधिक प्यास लगती है.

•पेट फूलता है 

•कब्ज वा diaarhea की समस्या 

2- Aura - या लक्षण माइग्रेन अटैक आने के 5 से 20 मिनट बाद महसूस होता है.या लक्षण 20% माइग्रेन वाले व्यक्ति को होता है.

•मतिभ्रम 

•सुरंग दृष्टि है

•साफ नहीं बोल पाता है.

•हाथ वा पैर मे भारिपन महसूस होता है.

•छूने सुघने वा स्वाद मे बदलाव होता है.

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3- माइग्रेन अटैक (Headache ) - माइग्रेन अटैक की शुरुवात हलके दर्द के साथ होता जो की आगे बढ़कर धमक के साथ दर्द मे परिवर्तित हो जाता है.

यह दर्द को शारीरिक गतिविधि करने से और बढ़ जाता है, यह दर्द सिर के हिस्से से दूसरे हिस्से मे पहुंच जाता है.ये कभी कभार आपके सिर के आगे हिस्से मे दर्द के साथ शुरू होता है,और आपको पुरे सिर मे दर्द महसूस होता है.

ज्यादातर माइग्रेन का दर्द 4 घंटे तक होता है, उसके बाद ठीक हो जाता है, लेकिन जिसकी अवस्था जटिल हो जाती है, उनमे दर्द 3 दिन तक बना रहता है.

महीने मे दो से चार बार सिरदर्द होना सामान्य है, लेकिन अगर इससे ज्यादा होता है, तो आपको मेडिकल अटेंशन की अवश्यकता है.

•इस चरण मे 80% लोगो को निम्लिखित लक्षण महसूस होता है?

•Anorexia 

•Nausea & Vomiting 

•photophobia 

•phonophobia 

•ringing and bugging ear 

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4- Postdrome (माइग्रेन के बाद ) - इसे माइग्रेन का हैंगओवर भी कहते है,यह माइग्रेन अटैक का आखरी चरण है, इस चरण मे व्यक्ति थकान हुवा भर्मित वा धुला हुवा महसूस करता है.

•सामन्य postdrome लक्षण - जी मचलना , थकान महसूस होना, प्रकाश से सवेदनशीलता  चक्कर आना जैसे लक्षण महसूस होते है.

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माइग्रेन होने के कारण | Etiology of migrain in hindi 

माइग्रेन अटैक आने का कोई के कारण क्लियर नहीं है, इसके होने के कई कारण है, जो की  खानदानी वा प्रकिर्तिक फैक्टर पर निर्भर करता है.

•मस्तिष्क प्रवाह में परिवर्तन और ट्राइजेमिनल तंत्रिका के साथ इसकी अंतःक्रिया एक प्रमुख दर्द मार्ग है, जिसमें सेरोटोनिन सहित मस्तिष्क रसायन में असंतुलन शामिल हो सकता है जो तंत्रिका तंत्र में दर्द को नियंत्रित करने में मदद करता है।

•कैल्सीटोनिन जीन से संबंधित पेप्टाइड सहित अन्य न्यूरोट्रांसमीटर माइग्रेन के दर्द में भूमिका निभाते हैं.

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Migrain Triggers?

•माइग्रेन कई वजह से ट्रिगर होता है? जो की इस प्रकार है.

•औरतों मे हॉर्मोनल बदलाव भी माइग्रेन को ट्रिगर करता है.

•अधिक मात्रा मे शराब वा कैफ़िन का सेवन 

•ज्यादा चिंता करना 

Sensri stimuli - अधिक चमक वाला प्रकाश, बहुत उचित आवाज बहत तेज सुगंध जैसे किसी परफ्यूम का भी माइग्रेन को ट्रिगर करता है. 

•सोने मे बदलाव, पर्याप्त नींद ना लेना 

•अपने औकात से ज्यादा व्याम करने से भी माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है.

•मौसम का बदलाव भी एक कारण है.

 Diet Chart

दवाये - कुछ ऐसे दवाई है, जो माइग्रेन को ट्रिगर करता है, जैसे ओरल contraceptive & Vasodilators such as nitroglycerin...


खाना - पैक्ड प्रोसेस किया गया हुवा फ़ूड्स वह बाहरी जंक्स फ़ूड्स इसके अलावा फ़ूड्स मे पड़ने वाले एडिटिव्स माइग्रेन को ट्रिगर करता है.


Diagnosis of Migrain | माइग्रेन की जांच कैसे करें?

माइग्रेन है ये कोई अन्य समस्या है, इसे जांच करने के लिये आपको अपने दिमाग़ की MRI वा CT स्कैन कराना पड़ेगा 

Magnetic Resonance imaging (MRI) - MRI स्कैन ताकतवर magnetic field & Radio waves बनाता है, जो की दिमाग़ की स्पष्ट फोटो वा ब्लड वैसेल शो करता है.MRI स्कैन डॉक्टर को ब्रेन tumors,  storkes और ब्रेन मे ब्लीडिंग वा कोई इन्फेक्शन के बारे मे पता चलता है.

Computerised tomography CT(Scan)- Ct स्कैन कई प्रकार का क्रॉस सेक्शनल इमेज बनाता है.जो की  tumor, bleeding in the brain stroke and other disease जांच करने मे सहयता करता है.

Treatment of migrain | माइग्रेन का उपचार 

यहाँ हम माइग्रेन के दो उपचार के बारे मे जानेंगे सबसे पहला है बिना किसी दवाई के माइग्रेन का उपचार वा दूसरा है दवाई से माइग्रेन का उपचार..

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•Non pharmacological treatment of migrain | बिना दवाओं के माइग्रेन का उपचार 

•शांतिपूर्ण वातावरण मे रहे 

•Avoid lights - माइग्रेन को अधिक प्रकाश वा ध्वनि ट्रिगर करता है, ऐसे मे अधिक प्रकाश वा ध्वनि से बचे, सांत स्थान पर रहे 

•अपने सिर वा गर्दन पर ठंडा वा गर्म पानी से compress करें ये दर्द कम करने मे मदद करता है.

•माइग्रेन अटैक आने पर थोड़ा कॉफ़ी का सेवन करें 

•माइग्रेन से बचने के लिये सबसे आवश्यक है, पर्याप्त नींद लेना अगर आप प्रर्याप्त नींद नहीं लेते हो तो ऐसे मे माइग्रेन आपको ट्रिगर कर सकता है.

•Minimize distraction -  जब आप बेड पर तब किसी प्रकार के gadget से बचे  

• खाना खाना ना भूले क्युकी खाली पेट रहने से भी माइग्रेन ट्रिगर होता है.

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Pharmacological treatment of migrain | दवाओं से माइग्रेन का इलाज 

माइग्रेन का उपचार भविष्य मे आने वाले माइग्रेन अटैक से बचनर के लिये वा इसके लक्षण को कम करने के लिये किया जाता है.

ये दवाई दो प्रकार की है, एक दर्द कम करने लिये और दूसरा माइग्रेन से बचने के लिये.


i)NSAIDS - ACETAMINOPHEN, ASPIRIN, IBUPROFEN, ii)DICLOIFENAC, IBUPROFEN, NAPROXEN 

iii)ERGOTAMINE *- DIHYDROERGOTAMi ERGOTAMINE, CAFFEINE 

iv)TRIPTANS - ALMOTRIPTAN RIZATRIPTAN, SUMATRIPTAN 

v) Opioids - Codein morphine, oxycodone 



Disclaimer -  Healthidea के इस आर्टिकल का उदेश्य सिर्फ आपको जानकारी प्रदान करना है, किसी भी प्रकार के मेडिसिन का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श ले धन्यवाद 















    

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