बड़े हुवे उच्य रक्तचाप का उपचार
नमस्कार दोस्तों आज हम इस आर्टिकल के जरिये मधुमेह होने का कारण वा उसके होने वाले कारण के बारे मे विस्तार मे जानेंगे आजकल के इस भाग दौर के मे लोगो का लाइफस्टाइल काफ़ी बदल गया है, जिसके चलते कई गंभीर समस्याओ से सामना करना पड़ता है, जिसमे सबसे मुख्य मे आता है मधुमेह (Diabetes )
मधुमेह क्या है? What is diabetes in hindi?
मधुमेह एक लम्बे समय से चल रहा (Chronic )मेटाबोलिक विकार है जो क्रोनिक हाइपरग्लेसेमिया द्वारा रक्त में ग्लूकोज के स्तर में वृद्धि की करता है.डब्ल्यूएचओ के अनुसार: "मधुमेह (Diabetes mellitus)एक विषम चयापचय विकार है जो कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन चयापचय की गड़बड़ी के साथ क्रोनिक हाइपरग्लेसेमिया की सामान्य विशेषताओं की विशेषता है।हाइपरग्लेसेमिया या बढ़ा हुआ रक्त शर्करा अनियंत्रित मधुमेह का एक सामान्य प्रभाव है और इस बीमारी के अस्तित्व से शरीर की कई प्रणालियों, विशेष रूप से नसों और रक्त वाहिकाओं को गंभीर नुकसान पंहुचाता है.
मधुमेह के प्रकार? Types of Diabetes in hindi
मधुमेह 3 प्रकार के होते है, जो निम्नलिखित है.•Type - 1 Diabetes Mellitus
टाइप 1 मधुमेह को इन्सुलिन dependent diabetes भी कहते है, यह एक प्रकार का ऑटोइम्यून disesas है, इस प्रकार के मधुमेह मे बीटा कोशिकाओं के परिगलन के कारण इंसुलिन की कमी हो जाती है.इस प्रकार का मधुमेह ज्यादातर छोटे बच्चो वा जवान लोगो मे 30 साल तक के लोगो मे होता है.टाइप 1 मधुमेह के प्रकार (Insulin dependent diabetes types )
टाइप 1 मधुमेह को दो प्रकार
1) टाइप I A: इस प्रकार के मधुमेह मे बीटा कोशिकाओं के ऑटोइम्यून विनाश की विशेषता है जो आमतौर पर इंसुलिन की कमी का कारण बनता है।खुजली का घरेलु उपचार
2) टाइप I B (इडियोपैथिक) रोग जिसका कोई पहचान निश्चित नहीं है: इसमें केटोसिस विकसित होने की प्रवृत्ति के साथ इंसुलिन की कमी होती है। इस प्रकार के मधुमेह का कारण अज्ञात है इसलिए इसे इडियोपैथिक भी कहा जाता है।
•टाइप 2 (Non- insulin diabetes Mellitus )
यह मधुमेह सबसे आम प्रकार का है.इस प्रकार के मधुमेह मे pancreas इन्सुलिन लगातार बनाता रहता है,लेकिन secretion मे या तो देरी हो जाती है, या Peripheral tissue इन्सुलिन के प्रति प्रतिरोध बना लेता है.या विकार किसी भी उम्र के लोगो को हो सकता है, लेकिन ज्यादातर टाइप 2 डायबिटीज 40 साल से ऊपर वाले लोगो को होता है.
•टाइप 3 डायबिटीज / पतंजलि ऑर्थोग्रिट टेबलेट के फायदे वा नुकसान
3. गर्भकालीन मधुमेह: इस प्रकार के मधुमेह गर्भवस्था के दौरान कुछ महिलाओ मे विकसित होता है, एक और कम आम रूप गर्भकालीन मधुमेह है, एक अस्थायी स्थिति जो गर्भावस्था के दौरान होती है। जोखिम कारकों के आधार पर, 3% से 13% महिलाओं में गर्भकालीन मधुमेह विकसित होगा जो नियंत्रित न होने पर बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है। समस्या आमतौर पर प्रसव के बाद ठीक हो जाती है, लेकिन जिन महिलाओं को गर्भकालीन मधुमेह है, उनमें बाद में जीवन में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का खतरा अधिक होता है।मधुमेह होने का कारण | Caused of diabetes Mellitus in hindi?
अलग अलग प्रकार के मधुमेह होने के अलग कारण है, जो की निम्नलिखित है,•टाइप 1 मधुमेह
इस प्रकार के मधुमेह का कोई भी एक निश्चित कारण पता नहीं चल है, इसके होने के कई कारण है जैसे -1- Genetics factor
इस प्रकार के मधुमेह मे genes कारण होता है, जैसे आपके पिता वा दादजी को मधुमेह का समस्या हो तो ऐसे मे आपको मधुमेह होने का खतरा ज्यादा रहता है, दूसरा उदाहरण , आप गर्भवती है, वा आपको जुड़वाँ बच्चा हुवा तोह ऐसे मे आपके एक बच्चे को टाइप 1 मधुमेह हुवा है, तो आपके दूसरे जुड़वाँ बच्चे को टाइप 1 डायबिटीज होने का खतरा 50% बढ़ जाता है.
2- Autoimmune factor
हमारा autoimmune एक्टिव होने होने कारण ये हमारे बेटा सेल्स को मारने लगती है, जिससे इन्सुलिन का का बनना कम हो जाता है, इसी कारण हम मधुमेह से ग्रसित हो जाते है.
3- ENVIRONMENTAL FACTOR
कुछ प्रकार ऐसे वायरल इन्फेक्शन , ड्रग्स , वा जियोग्राफ़िक फैक्टर है है, जिसके चलते हम टाइप 1 मधुमेह के शिकार हो जाते है, जैसे - MUMPS, MEASLES, COSAKIE VIRUS.
ड्रग्स - alloxan, pentamide, streptozocine etc
टाइप 2 मधुमेह | Type ii diabetes Mellitus?
टाइप 2 मधुमेह हमें तभी होता है, जब हमारा इन्सुलिन सही मात्रा मे नहीं बन रहा हो वा हमारा टिश्यू इन्सुलिन से resistance बना लेटाइप 2 मधुमेह होने का मुख्य कारण Gentics वा लाइफस्टाइल फैक्टर
•genetics factor - अगर आप के परिवार मे आपके माता पिता को टाइप 2 DM है, तो ऐसे मे आपको भी 50% चांस रहता है टाइप 2 DM होने का.
•Lifestyle factor - ये कारण है, की आप का दिनचर्या कैसा है, आओ कही मोटापे वा उच्य रक्तचाप से ग्रसित तो नहीं है, वा आपके दिनचर्या मे किसी भी प्रकार की गतिविधि वा व्याम आप ने शामिल किया है या नहीं, क्युकी अगर आप नियमित रूप से कोई व्याम नहीं कर रहे हो तो ये आपको मोटापे के और लेकर जायेगा, मोटापे आने से मधुमेह के साथ और भी कई सारे स्वास्थ सम्बंधित समस्या हमें होने लगती है, ऐसे मे अपने लाइफस्टाइल को हैल्थी बनाये
3. इंसुलिन प्रतिरोध: TYPE 2 diabetes Mellitus की सबसे प्रमुख विशेषता इंसुलिन स्रावित होने पर प्रतिक्रिया की कमी है (कंकाल की मांसपेशी, यकृत जैसे परिधीय ऊतक इनुलिन के प्रति प्रतिरोध विकसित करते हैं)।
मोटापा इंसुलिन प्रतिरोध से दृढ़ता से जुड़ा हुआ है।
4. बिगड़ा हुआ इंसुलिन स्राव: टाइप II डीएम के शुरुआती चरणों में बढ़े हुए ग्लूकोज स्तर की भरपाई के लिए बड़ी मात्रा में इंसुलिन स्रावित होता है। लेकिन बाद में, पर्याप्त इंसुलिन स्रावित करने में बीटा कोशिकाओं की विफलता की घटना सामने आती है। यानी इस प्रकार में भी इंसुलिन की हल्की कमी हो जाती है।
5. हेपेटिक ग्लूकोज संश्लेषण में वृद्धि: इंसुलिन की यकृत में ग्लूकोनियोजेनेसिस (गैर कार्बोहाइड्रेट से ग्लूकोज) को दबाने में भूमिका होती है। लेकिन टाइप II डीएम में, लीवर इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाता है। इसलिए, ग्लूकोनियोजेनेसिस यानी ग्लूकोज के संश्लेषण को इंसुलिन द्वारा दबाया नहीं जा सकता है
GESTATIONAL DIABETES -
इस प्रकार का मधुमेह महिलाओ गर्भवस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण होता है, placenta होर्मोन बनाता बनाता है, जो की गर्भवती महिलाओ के लिये कोशिकाएं इंसुलिन के प्रभाव के प्रति सबसे कम संवेदनशील होती हैं, जिसके कारण high blood sugar स्तर हो जाता है, गर्भवस्था के दौरान
जिन महिलाओ का वजन ज्यादा है, वा जिनका वजन गर्भवस्था के दौरान बढ़ गया है, उन महिलाओ मे gestational diabetes होने का ज्यादा खतरा रहता है.
मधुमेह के लक्षण | Symptoms of diabetes in hindi
Type- 1 मधुमेह सामन्य रूप से 35 वर्ष से कम लोगो मे होता है, इने लक्षण निम्नलिखित है.•Hyperglycemia
•मूत्र मे ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ना (Glycosuria)
•बहुत ज्यादा पेशाब लगना (Polyurea )
•अधिक प्यास लगना (polydipsia )
• भूख का ज्यादा बढ़ना, बार बार भूख लगना (Polyphagia )
•ग्लूकोज़ स्तर कम होने पर बहत ज्यादा कमजोरी महसूस करना
•वजन घटना
•धुंधला दिखना ........ आदि लक्षण है.
•type ii Diabetes Mellitus Symptoms may include -Krishna thyro juice ke fayde wa nuksan
- भूख ज्यादा लगना- प्यास का बढ़ना, अधिक पानी पीने का इच्छा करना
- अधिक बार पेशाब आना
- आँखो से धुंधला दिखाई देना
- थकान लगना
- घाव लगने पर जल्दी ना भरना
Dignosis / मधुमेह की पहचान करने के लिये जांच?
•ORAL GLUCOSE TOLERANCE TEST (OGTT)•रक्त जांच - खाली पेट और खाना खाने के बाद का
•पेशाब की जांच
मधुमेह का उपचार / Treatment of Diabetes in hindi?
मधुमेह का उपचार वा रोकथाम तीन प्रकार से कर सकते है.1- बिना दवाई के मधुमेह का उपचार (Non-Pharmacological treatment )
2- दवाई के जरिये मधुमेह का उपचार (Pharmacological treatment )
3- सर्जरीDexorange syrups ke fayde wa nuksan
•Non- Pharmacological treatment of Diabetes (बिना दवाई के मधुमेह का उपचार वा रोकथाम
- खाने मे ज्यादा मात्रा मे प्रोटीन युक्त आहार ले वा अधिक चर्बी वाले आहार का त्याग करें- जैम, चॉकलेट, केक, मिठाई, क्रीम, आइसक्रीम... आदि शुगर युक्त खान पान से परहेज करें ये आपके के शरीर मे Triglycerides की मात्रा को बढ़ाता है.
- उबाला हुवा वा स्टीम किया हुवा आहार करें, खाने मे ज्यादा मात्रा मे तेल का सेवन ना करें
- अगर आप शराब वा सिगरेट का सेवन करते है, इसको छोड़े
- अगर आपका मीठे बिना नहीं चलता है, तो ऐसे मे मार्किट मे आपको aspartame वा saccharin जैसे स्वीटनर उपलब्ध है उसका आप सेवन कभी- कभी करें
- अगर आपका वजन जायदा है, तो ऐसे मे आप अपने वजन को घटाए
- अपने दिनचर्या मे कोई शारीरिक गतिविधि को शामिल करें, जैसे योगा, जिम जाना, वाक करना, तैरना... आदि
- पानी का सेवन अधिक मात्रा मे करें
मधुमेह मे क्या खाये? Diabetes eating food?
मधुमेह आप सब्जियाँ मे गोभी फूल गोभी करेला भिंडी सूरन शिमला मिर्च पालक मेथी साग आदि खा सकते है.
फलो मे आप पपीता अनार संतरा कच्चा अमरुद आदि फलो का सेवन कर सकते है.
खाने मे आप इडली चटनी चपाती तुवर दाल ब्राउन राइस आदि फाइबर से युक्त शुगर लेस्स चीजों का इस्तेमाल कर सकते है.
दलिया -
दलिया का हर रोज 1 कटोरा का सेवन करे /इसका कारण है.
दलिया को अपने आहार मे शामिल करे दलिया मे भरपूर मात्र मे फाइबर पाया जाता है, जो ब्लड मे ग्लूकोज़ की मात्रा कम करता है, कोलेस्ट्रॉल लेबल सही रखता है जिस कारण आपका मधुमेह नियत्रण मे रहेगा और फाइबर आपका खाना पचाने मे मदद करता है.
विटामिन -
जिन लोंगो को मधुमेह की शिकायत है, उन्हें पेशाब बार बार जाना पड़ता है, ऐसा मे उन लोंगो क़े लिए विटामिन b , और a, d, e, वाला घुलनशील पानी jवाला आहार करना बहुत फायदेमंद रहेगा
How to Control Diabetes level in hindi -मधुमेह के लेवल को सही करने के उपाए
मधुमेह (diabetes )लेवल को सही रखने का उपाए यह है की अपने शुगर लेवल का नियमित जांच करवाये
White Rice का सेवन करना बिलकुल बंद कर दे,
आलू से बना हुवा सब्जियाँ ना खाये
किसी भी प्रकार क़े मीठे प्रदार्थ का सेवन ना करें
मधुमेह का घरेलू उपचार (Diabetes Home Remedies )
मधुमेह का घरेलू उपचार -
मेथी - मेथी का मधुमेह रोगियों क़े लिए बहुत लाभकारी है, यह घर मे आसानी से रहता है, इसका उपयोग करने क़े लिए पहले शाम को 1 चमच मेथी भिगो दे फिर सुबह मे खाली पेट उसका सेवन करें
मेथी और अलसी - जी हा मेथी और अलसी भी बहुत लाभकारी होता है मधुमेह रोगियों क़े लिए इसका उपयोग पहले अलसी को भून लो और फिर मेथी और अलसी को अच्छी तरह से ग्राइंड कर ले उसके बाद आप इसका उपयोग सुबह शाम कीजिये
इन्सुलिन का पत्ता- जी हा इन्सुलिन का पत्ता भी बहुत लाभकारी है, इसके पत्ते का उपयोग आप कर सकते है,
करेला का चूर्ण - करेला का चरण शुगर का अस्तर कम करने मे काम करता है, इसका उपयोग सुबह खाली पेट 1 चमच्च किया जाता है,
जामुन - जामुन मधुमेह रोगियों क़े लिए काफ़ी फायदेमंद है, जामुन चूर्ण या जूस का उपयोग कर सकते है,
कड़ी पत्ता (Curry Leaves )
कड़ी पत्ता क़े बहुत सारे फायदे है, यह आपका शुगर लेवल घटाने मे बहुत उपयोगी है, इसका उपयोग सुबह खाली पेट पत्ते को चबाकर खाये अपने खाने मे उपयोग मे लाये इसका नियमित सेवन करें इसके सेवन से मधुमेह नियंत्रण मे रहेगा
घृतकुमारी रस (Alovera juice )
एलोवेरा ऐसा औषधि है, जो कई बीमारियों क़े लिए उपयोग किया जाता है, एक शोध मे यह पाया गया है, एलोवेरा क़े जूस का सेवन करने से मधुमेह नियंत्रित रहता है.
ग्रीन टी
ग्रीन टी पीने से हमारे शरीर पर काफ़ी प्रभाव पड़ता है, ग्रीन टी का सेवन करने से हमारी चर्बी को घटाता है, कोलेस्ट्रॉल लेवल सभी रखता है, और साथ मे मधुमेह नियंत्रित रखने मे मदद करता है. ग्रीन टी का सेवन आप घर पर ग्रीन टी क़े पत्ते को उबालकर उसका सेवन करे यह आपके लिए काफ़ी फायदेमंद रहेगा
नीम -
नीम मे एंटी डायबिटिक, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी फंगल, एंटी इन्फ्लैमटॉरी,.... आदि गुड़ पाये जाते है, नीम का सेवन आप नीम का टेबलेट या नीम का चूर्ण बनाकर कर उसका सेवन कर सकते है. नीम क़े पत्ते का सेवन करने क़े लिए नीम क़े पत्ते को अच्छे से गर्म पानी मे धो ले उसके बाद उसके पत्तियों को चबाकर सुबह क़े समय खाली पेट उसका सेवन करे
2- Pharmacological treatment of diabetes / दवाई द्वारा मधुमेह का उपचार?
• अंतःस्रावी तंत्र एल-1 (मधुमेह)1) मौखिक हाइपोग्लाइसेमिक दवाएं: टॉलबुटामाइड, क्लोरप्रोपामाइड, ग्लिपिज़ाइड
2) हर्बल औषधियाँ: ग्वारगम, स्टीविया, पनीर बूटी (विथानिया कोगुलेंस)।
3) पहली पीढ़ी: टॉलबुटामाइड।
4) दूसरी पीढ़ी: ग्लिबेंक्लामाइड, ग्लिपिज़ाइड आदि।
5) मेग्लिटिनाइड एनालॉग्स: रेपैग्लिनाइड, नैटग्लिनाइड आदि।
3- Surgery
सर्जरी: सर्जरी कम ही की जाती है। इसमें बी पैंक्रियाज का ट्रांसप्लांट, वजन घटाने की सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट होता है।
नोट - नमस्कार दोस्तों आज हमने जाना मधुमेह होने के कारण लक्षण वा उसके उपचार के बारे मे ,इसी तरह और भी विषयो के बारे मे जानने के लिये healthidea को फॉलो करें धन्यवाद