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what is Abhyarishta / अभयारिष्ट क्या है?

अभयारिष्ट (Abhyarishta ) एक आयुर्वेदिक काढ़ा है, जिसको बनने क़े लिए कई जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है, इसका सेवन विशेष कर कब्ज (Conatipation) बवासीर क़े इलाज क़े उपयोग मे लाया जाता है, इसका निर्माण आयुर्वेदिक की कई कंपनी करती है, जैसे - बैद्यनाथ,पतंजलि, सांडू, डाबर, धूतपापेश्वर  आदि है. आये इस औषधि क़े बारे मे विस्तार से जानते है.

Abhyarishta ke fayde in hindi

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अभ्यारिष्ठ को बनाने मे मिलाये गये सामग्री /Abhyarishta ingredients in hindi -


अभया (हरितकी – टर्मिनलिया चबुला)


द्राक्षा (सूखे अंगूर)


मधुका (मधुका इंडिका)


विदंगा (एम्बेलिया रिब्स), कषयं के लिए पानी


गुड़


त्रिवृत (ऑपेरुक्लिना टेरपेथम)


गोक्षुरा (ट्रिबुलस टेरिस्ट्रिस)


धन्याका (धनिया)


धाताकी (वुडफोर्डिया फ्रूटिकोसा)


चाव्या (मुरलीवाला रेट्रोफ्रैक्टम)


इंद्रवरुणी (सिट्रुलस कोलोसिन्थिस)


शुनती (अदरक)


मिश्रेया (फ़ॉनिक्युलिस वल्गारे)


दंती (बालिओस्पर्म मोंटानम)


मोकारसा (सालमलिया मालाबारिका)

अभ्यारिष्ठ क़े उपयोग और फायदे / Abhyarishta benefits in hindi -

अभ्यारिष्ठ का उपयोग कई बीमारियों क़े इलाज क़े लिए किया जाता है, खासतौर पर इसका इस्तेमाल बवासीर वा कब्ज सम्बन्धित समस्या क़े लिए किया जाता है.आये अभ्यारिष्ठ क़े सेवन क़े फायदे क़े बारे मे जानते है


#कब्ज सम्बंधित समस्या मे फायदेमंद / Abhyarishta improve digestive system -

अभयरिष्ठ मे ऐसे गुड़ पाये जाते है, जो की पाचन संबधित समस्या को दूर करते है, अभ्यारिष्ठ का सेवन करने से यह कब्ज की समस्या से निजात दिलाता है, जो मल को मुलायम करता है, जिससे मल त्यागने मे कठनाई नहीं होती है.

#बवासीर मे फायदेमंद / Abhyarishta benefits in piles in hindi-

बवासीर होने का सबसे मुख्य कारण है, कब्ज क़े कारण पेट साफ नहीं होता है, जिससे मल कठोर हो जाता है, जिसको मल त्यागने मे काफ़ी कठनाई का सामना करना पड़ता है, ऐसे समस्या लम्बे समय तक चलने से यह बवासीर का रूप ले लेता है, ऐसे समय मे अभ्यारिष्ठ का सेवन काफ़ी फायदेमंद साबित होता है.

#पाचनक्रिया मे फायदेमंद /Abhyarishta improves digestion

अभयरिष्ठ  का नियमित सेवन करने से पेट संबधित समस्या कब्ज और गैस से राहत दिलाती है, पेट अच्छे से साफ होता है, यह मल मूत्र सम्बंधित समस्या मे काफ़ी लाभकारी मानी जाती है.

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#अभ्यारिष्ठ सिरप लीवर से सम्बंधित रोगों मे लाभकारी /Abhyarishta syrup benefits in lever disease -

अभ्यारिष्ठ का सेवन करने से यह लीवर सम्बंधित रोगों मे भी कार्य करता है,इसका सेवन करने से आंत स्वस्थ रहता है, यह आंतो को कमजोर नहीं होने देता, इसका नियमित सेवन करने से यह आंत से दूषित मल को बाहर करता है, उसे जमा नहीं होने देता है.

फिसर मे लाभकारी

अभ्यारिष्ठ का नियमित सेवन करने से यह फिसर की समस्या से निजात दिलाता है, फिसर होने का मुख्य कारण है, पेट साफ ना होना मल का कठोर होना और लगातार कब्ज का बना रहना ही फिसर बनने  का मुख्य कारण है, ऐसे मे अगर अभ्यारिष्ठ का सेवन किया जाये तो यह बहुत लाभकारी साबित हो सकता है, अभयरिष्ठ  का सेवन करने कब्ज की समस्या दूर होगी यह मल को मुलायम करेगा जिससे आपको शौच करने मे कठनाई नहीं होगी.

अभ्यारिष्ठ का उपयोग कैसे करें /How to use Abhyarishta in hindi -

अभ्यारिष्ठ का सेवन दिने दो बार किया जाता है, इसका सेवन मुख्यत्या खाना खाने क़े बाद किया जाता है.

अभ्यारिष्ठ खुराक की मात्रा /Abhyarishta dosage in hindi -

•अभ्यारिष्ठ की मात्रा 15 मिली दिन मे दो बार बराबर मात्रा मे पानी मिलाकर किया जाता है.

•बच्चों क़े लिए इसका सेवन उनके उम्र पर निर्धारित होता है जो की 5 से 10 मिली क़े बराबर है.

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नोट - बैद्य क़े अनुसार ही इसका सेवन करें

अभ्यारिष्ठ से नुकसान /Abhyarishta side effect in hindi -

अभ्यारिष्ठ जड़ी बूटियों से बनाया गया एक प्राकिर्तिक औषधि है. समानतया इसका कोई गंभीर नुकसान देखने को नहीं मिला है. हालकी जिसको उच्य रक्तचाप की समस्या है, वह इसका सेवन बैद्य क़े अनुसार ही करें


abhyarishta popular Brand in hindi -

•डाबर

•बैद्यनाथ  -- Buy Now /ख़रीदे

•सांडू

•झंडू

•धूतपापेश्वर

•धन्वंतरि

•पतंजलि

आदि है -

people ask question about Abhyarishta? 
लोगो क़े द्वारा पूछे गये महत्व पूर्ण सवाल -

अभ्यारिष्ठ का निर्माण कैसे किया जाता है?

•अभ्यारिष्ठ का निर्माण कई सारे प्रमुख औषधि मिलाकर किया जाता है, जिसका विवरण आपको इस लेख मे दिया गया है.

अभ्यारिष्ठ का सेवन दिन मे कितने बार करना चाहिए?

•अभ्यारिष्ठ का सेवन दिन मे दो बार बराबर मात्रा मे पानी मिलाकर करनी चाहिए

गर्भवती महिलाओं को अभ्यारिष्ठ का सेवन करना चाहिए?

•गर्भावस्था क़े दौरान अभ्यारिष्ठ क़े सेवन से परहेज़ करें

•अगर आप स्तनपान कराती हो तो ऐसे मे भी अभ्यारिष्ठ का सेवन करने से परहेज़ करें

मधुमेह रोगियों को अभ्यारिष्ठ का सेवन करना चाहिए?

•अभ्यारिष्ठ काढ़ा मे शुगर की मात्रा होती है, अतः यदि आप मधुमेह से ग्रसित हो तो इसका सेवन अपने चिकत्सक (बैध ) क़े अनुसार ही करें

क्या फिस्टुला मे अभ्यारिष्ठ का सेवन करना चाहिए?

•फिस्टुला बवासीर का एक गंभीर स्वरूप है, अतः ऐसे मे आप अभ्यारिष्ठ का सेवन फिस्टुला मे कर सकते है, यह आपको कब्ज और गैस से राहत दिलाती है, मल को मुलायम करता है, जिससे आप को शौच करने मे कठनाई नही होती है.

औऱ  पढ़े -

बवासीर (Piles) का घरेलु उपचार

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