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 वायरल फिबर क्या है, और इससे बचने क़े घरेलु उपाय 

जब भी मौसम मे परिवर्तन होता है, तब बदलते तापमान क़े कारण शरीर का रोग प्रतिरोधक छमता कमजोर हो जाता है, जिसके चलते वायरस से शरीर जल्दी संक्रमित हो जाता है, वैसे अगर वायरल फिबर क़े लक्षण की बात करें तो भी यह आम बुखार जैसे लक्षण होते है. लेकिन उसको अनदेखा करने से अवस्था और भी गंभीर हो सकता है. 

वायरल बुखार फैलने का कारण 

 बदलते मौसम क़े कारण वायरल ने हर तरफ अपना असर दिखाना चालू  कर दिया है, यह पुरे देश मे फ़ैल चुका है, जिसके चलते काफ़ी लोग संक्रमित हो रहे है, इसका फैलने का मुख्य कारण है, वातावरण मे परिवर्तन वा शरीर की प्रतिरक्षा प्राली कमजोर होना है. 

जानकारों क़े अनुसार जब भी मौसम मे परिवर्तन होता है, तब तापमान क़े उतार चढ़ाव क़े कारण शरीर का इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर हो जाता है, जिसके कारण वायरस से शरीर जल्दी संक्रमित हो जाता है. बुखार होने पर गले मे दर्द, सर्दी, खासी, शरीर मे थकान महसूस होना आदि होता है, अगर यह लक्षण आने पर तुरंत इसका उपचार किया जाये तो आप जल्द स्वस्थ्य हो जायेंगे लेकिन अधिक्तर लोग इसको नजरअंदाज कर देते है, जिसके कारण शरीर मे वायरस का पनपने का मौका मिल जाता है. 

रोग का स्वरूप - 

वायरल फिवर वायरस क़े से होने वाला बुखार है, यह बुखार सामन्य बुखार क़े तुलना मे कही अधिक समय तक रहता है. 

वायरल फीवर खास लक्षण - 

वायरल फीवर का लक्षण तेज बुखार थकान महसूस होना, बदन दर्द, जोड़ो मे दर्द, खासी, सर दर्द गले मे दर्द, दस्त त्वचा मे रेसज सर्दी आँखो मे लाली और गले मे सूजन आदि इसके ख़ास लक्षण है. 

वायरल फीवर क़े घरेलु उपाय -

•तुलसी - तुलसी क़े पत्ते का जूस या काढ़ा बनाकर उसका नियमित सेवन करें इसका सेवन करने फीवर से जल्दी निजात पाएंगे 

•गिलोय - गिलोय क़े जूस का नियमित सेवन करें गिलोय जूस का नियमित सेवन करने से शरीर मे रोग प्रतिरोधक छमता बढ़ता जिससे आप जल्दी संक्रमण से मुक्त होंगे और जल्दी आप किसी संक्रमण से संक्रमित नहीं होंगे 

•अदरख का काढ़ा - अदरख स्वस्थ्य क़े लिए बेहद लाभकारी औषधि है, इसमें वायरल बुखार को कम करने वाले गुड़ पाये जाते है, इसलिए वायरल फिवर मे अदरख का सेवन करना चाहिए 

•चावल स्टार्च (पसावन ) एक भाग चावल और आधा भाग पानी डालकर आधा पकने तक पकाये इसके बाद पानी अलग करके इसमें स्वादानुसार नमक मिलाकर इसका सेवन करें 

•मेथी का पानी - रसोई घर में आसानी से उपलब्ध, मेथी के बीज में डायेसजेनिन, सपोनिन्स और एल्कलॉइड जैसे औषधीय गुण शामिल है। मेथी के बीजों का प्रयोग अन्य बहुत सी बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है और यह वायरल बुखार के लिए बेहतरीन औषधि है।


कैसे तैयार करें- आधा कप पानी में में एक बड़ा चमचा मेथी के बीच भिगोएं। सुबह में, वायरल बुखार के इलाज के लिए नियमित अंतराल पर इस पेय को पिएं। कुछ और राहत के लिए मेथी के बीज, नींबू और शहद का एक मिश्रण तैयार कर उसका प्रयोग भी किया जा सकता है। 

वायरल फीवर से बचने क़े उपाय -

वायरल फीवर से बचने क़े लिए आप को सावधानी बरतनी चाहिए जिससे आप वायरल फीवर से बचे रहेंगे 


•अधिक बारिश होने पर  भीगने से बचाव करें और यदि बारिश मे भीग गये है, तोह ऐसे मे घर पे नहाये यह बहुत आवस्यक है, अगर आप ऐसा नहीं करते है तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है 


•गरम पानी से कुल्ला करें  ताकी आराम मिले।


• बाहर का खाना ना खाये 


• सब्जियों को पकाने से पहले नमक के गर्म पानी से धोएं।


•गीले कपड़ों और गीले बालों के साथ एसी रूम में घुसने से बचें। हो सके तो ac रूम से परहेज करें 


•घर में मच्छर हैं तो पेस्ट स्प्रे अपनाएं।


•फ्लोर पर एंटी बेक्टेरियल लिक्विड छिड़कने के बाद पोछा लगाएं।


•रात को सोते समय हल्दी और दूध का सेवन करें 





    

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