i. IMMUNITY
इसे एक संकर्मित जिव के खिलाफ प्रतिरोध के रूप में परिभाषित किया गया है/ शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र संक्रतामक (MICROORGANISMS)को पहचानने नष्ट करने व ख़तम करने में सक्षम है,ये रक्षा शरीर में उत्पन्न एंटीबाडी के जरिये होता है ii. (रोग प्रतिरोधक छमता बढ़ाने के प्रकार )-types of immunity-
·
NATURAL IMMUNITY-प्रकिर्तिक रोंग प्रतिरोधक
प्राक्रतिक इम्युनिटी हमें जन्म के साथ ही मिल जाता है, या
इससे ऐसे भी बोल सकते है, की यह god gifted immunity है, यह हमारी
रोंग प्रतिरोधक छमता बढाता है ,जों हमें स्वस्थ रखने में मदद करता है, या
प्रजातियों नस्लों ओर उम्र के अनुसार भिन्न होता है,
·
Species प्रजातिया -कुछ रोंग ऐसे
होते है, जों की species के अनुसार
होते है.
·
RACES – नस्ले – NEGROS HAS HIGH RESISTANCE TO YELLOW FEVER WHEREAS
WHIT MEN ARE SUSCECPITABLE IT
·
AGE-उम्र – कई
संक्रमण ऐसे भी जों व्यक्ति के आयु के अनुसार होते है.पुरुष नशबंदी, वा महिला नशबंदी बिधि... Click here
iii. Acquired
immunity –
सिर्फ प्रकिर्तिक इम्युनिटी पर्याप्त नहीं है, शारीर को सुरक्षित रखने के लिए
उसके लिए बाहर से अतरिक्त इम्युनिटी बहार से निष्क्रिये व सक्रिय व्यक्ति की
उतेजना या किसी अन्य व्यक्ति या जानवर से PASSIVE इम्युनिटी से बन्ने वाले एंटीबाडी को हासिल किया जाता है.
iv. ACTIVE IMMUNITY
यह इम्युनिटी का फार्मेशन इंडिविजुअल होता है, यह आपको प्रकिर्तिक तौर पैर भी
मिल जायेगा वह उसके अलावा इसे ARTIFICIALLY STIMULATED भी किया जाता है,
· NATURAL ACQUIRED IMMUNITY – स्वाभाविक रूप से प्रतिरक्षा प्राप्त करना –
यह ऐसा इम्युनिटी है, जों प्रकिर्तिक इन्फेक्शन जों की
मिलता माइक्रो-ORGANISMS चेचक से मिलता
है .
· ARTIFICALLY ACQUIRED IMMUNITY – कृतिम रूप से प्राप्त सक्रिय प्रतिरक्षा
इस प्रकार की इम्युनिटी हमें टीको वा TOXOIDS के रूप में मिलता है, जब यह हमारे शारीर में
इंजेक्ट किया जाता है तब शारीर हमें उत्त्तेजित करता है, एंटीबाडी बनाने के लिए इस
प्रकार से शारीर अपना विकास करता है, रोगजनक MICROORGNISMS जीवो से
v. PASSIVE IMMUNITY
इस प्रकार की प्रतिरक्षा किसी व्यक्ति के शारीर में पहले से बने एंटीबाडी क्र
परिचय के रूप से उत्पन्न होती है,वा किसी दूसरी प्रजाति से यह एंटीबाडीज बहुत तेज
बनता है/लेकिन यह लम्बे समय तक नहीं रहता है.
·
NATURALLY
ACQUIRED PASSIVE IMMUNITY –
इस प्रकार की रोंग प्रतिरोधक छमता एंटीबाडीज में प्रतिरक्षी
माँ से गर्भास्ये शिशु में अपरा रक्त के माध्यम से प्रेषित होते है/यह शिशु को ७ महीने
तक प्रतिरोधक छमता प्रदान करता है,
· ARTIFICIALLY PRODUCED PASSIVE IMMUNITY- किर्तिम रूप से उत्पादित निष्क्रिये प्रतिरक्षा
इस प्रकार के एंटीबाडीज इंजेक्शन द्वारा निर्मित
होता है, एंटीबाडी युक्त तयारी को ANTISERA ,SERA IMMUNE के रूप में
जाना जाता है.
vi. IMMUNIZATION-टीकाकरण
टीकाकरण ऐसा प्रकिर्या है जिसके द्वारा व्यक्ति को एक संकरामक बीमारी के प्रति
प्रतिरक्षित या प्रतिरोधी बनाया जाता है, टीकाकरण व्यक्ति को बीमारी से पहले बीमारी
से बचने के लिए लगाया जाता है,वा बीमारी के बाद के संक्रमण से बचने के लिए बनाया
जाता है.
FOR EXAMPLE-
DT- DIPHTHERIA AND TETANUS TOXOIDS
TT- TETANUS TOXOID
HEP B- HEPATITIS B VACCINE
MMR- MEASLES; MUMPS,AND RUBELLA VACCINE
IPV- INACTIVATED
POLIOVIRUS VACCINE
ETC……..
रोग प्रतिरोधक बढ़ाने के लिए घरेलू उपाए-
1- इम्युनिटी बढ़ाने के लिए नियमित रूप से व्याम करें, आहार मे सब्जियों का सेवन करें, आहार मे प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करें
2- बाहर के तले हुवे मैदा युक्त आहार से परहेज करें
3- सिगरेट वा दारू से परहेज करें
4- साफ सफाई का विशेष ध्यान दे, खाना खाने से पहले हाथो को अच्छे से धोये
5- अगर आप मधुमेह से ग्रसित हो तो ऐसे मे वासा युक्त आहार से परहेज करें
6-नींद को पूरा ले, पूरा नींद नहीं लेने पर कई समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है.
7-अपना वजन संतुलित रखे, वजन को ना ज्यादातर बढ़ने दे ना घटने
8- नियमित रूप से अपना चिकतसिये जांच अवस्य कराये
9-ज्यादा तनाव लेने से बचे - नींद अच्छी मात्रा मे पूरी तरह से ले
10- ज्यादाम समय से पैक हुवा प्रोसेस फ़ूड के सेवन से परहेज करें
vii. IMMUNIZATION SCHEDULE FOR CHILDREN
AGE
IMMUNIZATION
0-15 DAYS ORAL
POLIO AND BCG
6MONTH
DPT AND ORAL POLIO
10 TH DPT
AND ORAL POLIO
14 TH DPT AND ORAL POLIO
9TH
MEASLES
VCCINATION
18TH
BOOSTER DOSE OF DPT
Lllll AND
POLIO
5 YEARS DP
AND TYPHOID
10TH
TETANUS
AND TYPHOID
15 YEARS TETANUS ANDTYPHOID