Who is author vrikshayurveda Book of Ayurveda? वृक्षायुर्वेद की रचना किसने किया था और वर्तमान समय मे इसका क्या परिणाम है?
Who is author vrikshayurveda Book of Ayurveda?
वृक्षायुर्वेद संस्कृत का एक ग्रन्थ है, जिसका रचना सुरपाल जी ने किया था आज से लगभग हजारों सालो पहले की गयी थी वृक्षायुर्वेद की पाण्डुलिपि डॉ वाल यान नेने ने सन 1996 मे ऑक्सफ़ोर्ड क़े पुस्तकालय से प्राप्त डॉ नलिनी साधले ने इसका अनुवाद अंग्रेजी मे किया था
पाण्डुलिपि की भाषा प्राचीन देवनागरी मे थी, जिसमे कई सारे श्लोक और पौधे क़े विशेषताए पौधों का ख्याल कैसे रखा जाये इस पुस्तक मे सुरपाल द्वारा जमीन की रेख देख पौधे को लगाने का तरीका देख रेख खाद्य और पोषण आतंरिक और बाहरी रूप से पौधों की रक्षा करना बताया है. सुरपाल जी द्वारा दिए गए नुस्खे से जिस पेड़ को मेडिकल साइंस के रसायन नहीं ठीक कर पाया वह पेड़ को वृक्षायुर्वेद क़े नुस्खे से ठीक किया गया था, सुरपाल जी की रचना वृक्षायुर्वेद मे पेड़ पौधों क़े रोगों को पंचामृत द्वारा ठीक करने का नुस्खा बताया गया है, पंचामृत मतलब दूध, दही, घी, गोबर, और मूत्र से ठीक किया जा सकता है,पेड़ पौधे हमारे जीवन क़े लिए एक हमारे जीवन क़े लिए वरदान है, पेड़ हमें जीवित रखने क़े लिए ऑक्सीजन प्रदान करती है, फल फूल मिलता है, की जो हमें जीवित रखती है, महर्षि चरक क़े अनुसार वृक्षों मे भी जीवन पाया जाता है, जब कोई वृष कटता है, तोह उसमे कई टहनिया निकलते है, वृक्षों मे भी इंद्रिया होती है, जब उनपर चोट होती है, तब उन्हें भी दर्द का अहसास महसूस होता है, वृक्ष हमारे नकारात्मक ऊर्जा को लेती है, और हमें सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है

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