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Ayurvedic medicine for milk secretion to mother of newborn/माँ का दूध बढ़ाने क़े लिए आयुर्वेदिक दवा

 नवजात बच्चे को माँ का दूध संजीवनी का काम करता है, माँ का दूध बच्चे को पोषण और ताकत प्रदान करता है, जन्म  से लेकर 6 माह तक माँ का दूध नवजात बच्चे क़े लिए सर्वोच्च मना गया है.  हर  महिला का सपना होता है, माँ बनने का जिसके लिए वह  असहनीय दर्द भी बर्दास्त कर लेती है, इस  दर्द का अहसास  हर  महिला  करना  चाहती है, महिलाओं मे गर्भावस्था  क़े  दौरान  उनके मन मे  बच्चे को लेकर कई सवाल उठते  रहते है,  उनमे से उनको यह  डर  जरूर रहता है की वह  अपने  नवजात बच्चे  को ठीक स्त्नपान  करा  पाए गी या  नहीं  और  कुछ महिलाओं मे प्रसव क़े दौरान  कुछ समस्या  हो  जाती है, जिससे उनको पर्याप्त  मात्रा मे दूध नहीं बन पाता है, आज  sabkasehat इसी  बात  पर चर्चा  करेगा 

Ayurvedic medicine for milk secretion to mother of newborn



दूध कम बनने का संकेत? 

शिशु  को  दूध  पर्याप्त मात्रा मे नहीं मिल रहा है? दूध  कम  बन रहा है, जानिए इसके  लक्षण 


• बच्चा पहले जितना समय अस्त्नपान  कर रहा था, उतना समय तक स्त्नपान ना करना 

• नार्मल बच्चे कम से कम 7-8 बार मूत्र विसर्जन करते है, लेकिन अगर उनको पर्याप्त मात्रा मे दूध नहीं मिलता है, तोह उन्हें पानी की कमी होने लगती है, जिससे वह मूत्र विसर्जन कम करते है, कभी कभी मूत्र मे पीला भी ही जाता है. 

• बजन की बढ़ोतरी ना होना, पर्याप्त मात्रा मे दूध ना मिलने से बच्चा कमजोर होने लगता है, बच्चे का वजन घटने लगता है, 

• ठीक से मल विसर्जन ना करना 


दूध कम बनने का कारण क्या है? 


अगर बात करे माँ क़े स्तन मे दूध क़े कम बनने का कारण, ऐसे मे इसके कई कारण हो सकते है, उनमे से कुछ कारण आपको बताने वाले है. 


• प्रसव क़े दौरान रक्त का ज्यादा बहना, जिससे शरीर मे होने वाली खून की कमी 

• थयरॉइड  की बीमारी से ग्रसित होना 

• मधुमेह की समस्या होना, इन्सुलिन का संतुलन ना बना रहना 

• अधिक मोटापा होना, अधिक मोटा होने से दूध बनने की प्रक्रिया मे समस्या आती है.

•कुछ दवाइयां जो ज़्यदा समय तक उपयोग की गयी हो ऐसे मे भी यह समस्या आ सकती है. 

दूध  का कम बनना कोई बीमारी नहीं है, इसका आसानी से उपचार किया जा सकता है, किसी जानकार चिकित्सक क़े सलाह से इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है. 


स्तनपान क़े दौरान क्या नहीं खाना चाहिए? 


गर्भावस्था से लेकर स्तनपान कराने तक अपने भोजन पर विशेष ध्यान दे, की जो पोशक माँ को मिलेगा वही पोशक शिशु को भी मिलेगा आये जानते है, की स्तनपान क़े दौरान क्या नहीं खाना चाहिए 


सब्जियो मे ब्रोकोली का सेवन बंद कर दे इससे बच्चे को गैस बनता है, फलो मे खट्टे  फलो का सेवन ना करे, 


कॉर्न - स्तनपान क़े दौरान कॉर्न का सेवन ना करे कॉर्न क़े सेवन से बच्चे को एलर्जी होती है, इसलिए इसका सेवन बिलकुल बंद कर दे 


कॉफ़ी - कैफीन से दूध मे आयरन की मात्रा कम हो जाती है, इसलिए स्तनपान क़े दौरान कॉफ़ी का सेवन बंद कर दे 


स्तनपान क़े लिए दूध की मात्रा बढ़ाने का घरेलु उपचार? 


दूध बढ़ाने  क़े लिए  सबसे पहले आपको अपने खाने मे पोशक  से भरपूर भोजन करना चाहिए जैसे -

हरी सब्जियाँ का सेवन करे जिसमे ज्यादा मात्रा मे पालक का सेवन करे, चवाल मे ब्राउन चावल का सेवन करे अपने खाने मे गाजर  का सेवन सलाद मे करे, लहसुन का सेवन करे लहसुन दूध की मात्रा बढ़ाने मे मदत करता है, गाय क़े दूध का सेवन करे यह दूध की मात्रा बढ़ाने मे सहायक रहेगा सौफ का सेवन करे  सौफ का सेवन माउथफ्रेशनर क़े रूप मे कर सकते है, मेथी क़े दाने का सेवन करे मेथी क़े दाने का सेवन प्रसव का दौरान करे यह काफ़ी लाभदायक है, सुबह नास्ते मे ओटमील का सेवन करे ओटमील मे भारी मात्रा मे फाइबर होता है जो आपका भोजन पचाने मे मदद करेगा और आपकी पाचनशक्ति मजबूत करेगा, काबुली चना को अपने आहार मे शामिल करे, डॉयफ्रुट का सेवन करे डॉयफ्रुट मे अधिक मात्रा मे प्रोटीन और फाइबर मिलेगा 


माँ क़े स्तनपान का दूध बढ़ाने का आयुर्वेदिक दवा 


स्तनपान  क़े लिए दूध बढ़ाने क़े लिए आप अपने rotine मे हल्दी तुलसी जो जीरा करी पत्ता अजवाइन  को उपयोग मे लाये यह सारे चीज घर मे आसानी से मिल जाते है, 


शतावरी -  

शतावरी एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है, इसका सेवन लम्बे समय से किया जा रहा है, शतावरी महिलाओ क़े लिए उत्तम औषधि मना गया है, इसका सेवन लम्बे समय तक करने से स्तनपान करने क़े लिए दूषित क़े स्तर  बढ़ता है, 


शतावरी कल्प - 

शतावरी से बनया गया उत्पाद है, शतावरी कल्प यह  जो की महिलाओं क़े लिए काफ़ी लाभदायक औषधि है, इसका सेवन दूध क़े साथ किया जाता है, वैसे तोह कई सारे कंपनी यह प्रोडक्ट बनाती है 

स्तनपान क़े लिए दूध बढ़ाने का पतंजलि आयुर्वेदिक दवा - 

स्तनपान क़े लिए दूध बढ़ाने क़े लिए पतंजलि का शतावर चूर्ण का सेवन करते शतावर  चूर्ण का सेवन दूध या हल्का गर्म पानी क़े साथ करते है. 


sabkasehat 


  नमस्कार दोस्तों आशा करता हूँ sabkasehat का लिखा हुवा यह आर्टिकल क़े द्वारा आपके सवाल का जवाब मिला होगा, और अधिक जानकारी प्राप्त करने क़े लिए sabkasehat को फॉलो करे और सदयस्ता ले धन्यवाद 


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