अगर हम बात करें सर्दी खासी क़े बारे मे ये सिर्फ बदलते मौसम मे नहीं होता कई बार इन्फेक्शन भी इसका कारण रहता है, यह फ़्लू जिसको हो जाता कई सारे दिक्कत का सामना करना पड़ता है, नाक बहना नका जमना गले मे बलगम फसना और सूखी खासी जैसे समस्या होने लगती है.
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सर्दी जुखाम और खासी का इलाज
सर्दी जुखाम खासी क़े इलाज क़े लिए लोग डॉक्टर क़े पैसा जाकर दवा लेते है , यह ठीक भी हो जाता है, लेकिन कई लोगो को ये बार बार होने लगता है, तोह फिर सवाल यह आता है ऐसे मे क्या करें तोह आज हम इसी क़े बारे मे चर्चा करते है, की इसका क्या उपचार हो सकते है, हम इसके दो उपचार क़े बारे मे बात करेंगे पहला (1)घरेलू उपचार (2)आयुर्वेदिक उपचार
(1) घरेलू उपचार
गर्म पानी का भाप ले गर्म पानी का भाप लेने से स्वसन प्राली साफ रहती है, जिससे स्वांस लेने मे आसानी रहती है,
अदरख की चाय यह काफ़ी फायदेमंद रहता है,
काढ़ा बनकर लिए सामग्री
अदरख
लौंग
कालीमिर्च
दालचीनी
इलायची
इन सब का पानी मे उबालकर काढ़ा बना ले और उसका सेवन करें
मुलेठी का सेवन कर जुबान पर रख कर उसे चूसे जो की काफ़ी फायदेमंद रहता है,
(2) आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेदिक उपचार काफ़ी कारगर है. आयुर्वेदिक उपचार मे कुछ दवाई भी आती है, जैसे आयुर्वेदिक कफ सिरप अडुळसा सिरप मुल्तानी सिरप कोस्विन सिरप और भी बहुत सारे सिरप आते है.
सितोपलादि चूर्ण - सितोपलादि चूर्ण बलगम निकलने मे काफ़ी लाभदायक रहता है, इसका उपयोग एक चमच्च मधु क़े साथ मिक्स करके सुबह शाम इसका सेवन करें
तालीसादि चूर्ण - तालीसादि चूर्ण का भी इस्तेमाल मधु क़े साथ कर सकते है.
यस्तीमधु चूर्ण - यस्तीमधु चूर्ण का इस्तेमाल आप मधु क़े साथ सेवन कर सकते है, यह भी काफ़ी फयदेमंद रहता है,
कनकासव काढ़ा - बात की जाये अगर कनकासव काढ़ा क़े बारे मे इसका उपयोग स्वांस कास रोग क़े लिए किया जाता है, अस्थमा रोगी क़े लिए यवह काफी फायदेमंद औषधि है. इसका इस्तेमाल 3 spoon काढ़ा और 3 spoon पानी मिलकर सुबह शाम किया जाता है.
सोमासव काढ़ा - सोमासव काढ़ा दमा रोगी सास फूलने वाले बीमारी मे बहुत ही उपयोगी है, यह सांडू कंपनी का काढ़ा है, इसका भी इस्तेमाल सुबह शाम किया जाता है, इसका इस्तेमाल बराबर मात्रा मे पानी क़े साथ किया जाता है.
च्यवनप्राश से करें सर्दी जुखाम का उपचार
Dhootpapeshwar swamla compound benifits/धूतपापेश्वर स्वामला च्यवनप्राश क़े फायदे -
स्वामला च्यवनप्राश (compound) क़े सेवन करने से कई फायदे होते है, स्वामला च्यवनप्राश क़े सेवन से सर्दी जुखाम खासी मे फायदेमंद होता है, इसका उपयोग किसी भी उम्र क़े लोग कर सकते है, इसका उपयोग करने से रोग प्रतिरोधक छमता बढ़ता है, vitality पावर बढ़ता है, और कमजोरी दूर होता है, इसका उपयोग बिना डॉक्टर क़े सलाह से किया जा सकता है, स्वामला बनने मे जो समाग्री पड़ी है, वह हम जानते है -
1- सुवर्ण भस्म (suvarn bhasma )
2- रजत भस्म (Rajat bhasma )
3- च्यवनप्राश अष्टवर्ग (chavanprash Ashtavarg )
4-प्रवल पिस्टी (praval pishti)
5- कंटालोहा भस्म (kantaloha bhasma)
6- पूमचंद्रोदय मकरध्वज (Poormachandrodadya Makardhwaja)
Useful, In- Infusing fresh Energy Replenishing loss Vitality. Promotes total health Swamla an ayurvedic rasayan formulation usefull in genral cases of challenged immunity debillty and weakness.
उपयोग- इन-इन्फ्यूज़िंग फ्रेश एनर्जी रीप्लेनिंग लॉस विटालिटी। चुनौती पूर्ण प्रतिरक्षा दुर्बलता और कमजोरी के जननांग मामलों में कुल स्वास्थ्य स्वमला आयुर्वेदिक आयुर्वेदिक रूपीकरण उपयोगी को बढ़ावा देता है।
कितना खाये - दिन दो बार 1-1 चमचे का सेवन करें
नोट - नमस्कार दोस्तों हमारे ब्लॉग पर इस आर्टिकल पर जो भी बतया गया है, वह सिर्फ आपको जानकारी दिया गया है, अगर आपको इनमे से कुछ भी इस्तेमाल करना हो अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें, उसके बाद ही इस्तेमाल करें, धन्यवाद