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गिलोय क़े फायदे वा, सेवन बिधि, गिलोय घनवटी, टेबलेट क़े फायदे, गिलोय जूस क़े फायदे  |Giloye juice tablet  benifits and side effect in hindi

आज हम आपको गिलोय क़े फायदे और उससे जुड़ी जानकारी देंगे आप लोंगो ने भी गिलोय क़े बारे मे काफ़ी सुना होगा और इससे जुड़े कुछ फायदे क़े बारे मे भी आप जानते होंगे लेकिन जो जानकारी गिलोय क़े बारे मे हम आपको बताएँगे वह जानकारी आपको पता नहीं होगा, आयुर्वेद क़े नजरिये से अगर देखे तो गिलोय क़े बहुत फायदे है, आयुर्वेद मे गिलोय को रसायन माना गया है जो स्वास्थ्य क़े लिए अच्छा होता है. गिलोय क़े पाते खाने मे कड़वे होते है, गिलोय का सेवन करने से वात पित्त और कफ दोष को ठीक किया जा सकता है, आये जानते है गिलोय क़े बेहतरीन फायदे क़े बारे मे

गिलोय क्या है? What is giloy

गिलोय का आयुर्वेद मे बहुत बढ़ा महत्व है, गिलोय को आयुर्वेद मे संजीवनी मना जाता है, गिलोय का अंग्रेजी नाम (Scientific name) टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया है  जिसको गुडूची क़े नाम से भी जाना जाता है,यह ज्यादातर उष्ण कटिबंधीय छेत्रो मे पाया जाता है, जिनमे या भारत म्यांमार और श्री लंका मे भी पाया जाता है, इस पौधे का तालुक मेनिस्पेर्मसाए नामक परिवार से है. जो बेल लता वाली होती है, यह एक प्रकार का लत्ता युक्त पौधा होता है, जिसकी लतिका लगभग 15 सेमी तक फैली हुवी है, गिलोय का पौधा दिखने मे पान क़े पत्ते जैसा होता है, यह ज्यादातर कठोर मिट्टी मे पाया जाता है, जैसे -जंगल पहाड़ आदि, गिलोय क़े बीज गुच्छेदार लगते है, जो कच्चा होने पर हरे रंग का होता है, और पाक जाने पर लाल रंग का होता है.

गिलोय का इतिहास

प्राचीन समय से गिलोय का इस्तेमाल आयुर्वेद मे औषधि क़े रूप मे किया जाता है, इसका इस्तेमाल कई प्रकार क़े रोगों क़े रोकथाम क़े लिए किया जाता है, भारत क़े फार्माकोपिया ने इसे आधिकारिक रूप से मान्यता मिली हुवी है, जिससे दवा का निर्माण कर बिभिन्न रोगों क़े रोकथाम वो इलाज क़े लिए किया जाता है, जैसे की सामन्य कमजोरी खून की कमी, बुखार, पेचिस, गोनोरिया मूत्र रोग, त्वचा रोग, आंत की बीमारी  आदि मे किया जाता है.

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अलग -अलग  भाषाओ मे गिलोय का नाम?

वैज्ञानिक नाम – टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया

हिंदी – गिलोय

संस्कृत – अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी

कन्नड़ – अमरदवल्ली

गुजराती – गालो

मराठी – गुलबेल

तेलुगू – गोधुची, तिप्प्तिगा

फारसी – गिलाई

तमिल – शिन्दिल्कोदी

गोवा  - अमृतबेल

नेपाली - गुर्जो

पंजाबी - गिलोगुलरिच ,  गरहम,  पालो

मलयालम - अमृतु , पेयामृतम.......

आदि और भी कई भाषाओ मे गिलोय क़े अलग -अलग नाम है.

गिलोय क़े फायदे |Giloy Benefits in hindi

गिलोय का औषधीय प्रयोग फायदा वा मात्रा है,जो निम्न प्रकार है.

रोग प्रतिरोधक छमता बढ़ाये |Giloy boost immunity power in hindi

गिलोय का नियमित सेवन करने से हमारी रोगों से लड़ने की छमता बढ़ती है,या शरीर मे आयी हुवी कमजोरी को दूर करता है वा हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत करता है, जिसके कारण हम जल्दी बीमार नहीं होते है, वा बीमार होने पर जल्दी ठीक हो जाते है.  गिलोय का सेवन आप किसी भी रूप ने कर सकते है, जूस टेबलेट, चूर्ण, वा घनवटी

बुखार मे सहायक

गिलोय मे एंटी प्यरेटिक  गुड़ पाये जाते है, जिसके कारण यह सामन्य बुखार ठीक करता है, वा मलेरिया, डेंगू जैसे बीमारी को ठीक करने क़े लिए सहायक का कार्य करता है, यह रक्त पलेटो की संख्या को बढ़ाता है.

सर्दी खासी मे लाभकारी

गिलोय का नियमित सेवन करने से हमारी प्रतिछा प्राली मजबूत होती है.जो हमरे रोगों से लड़ने की छमता प्रदान करती है|सर्दी खासी का घरेलु उपचार

खून साफ करने मे सहयक

गिलोय का नियमित सेवन करने से यह खून साफ करता है, वा कोशिकाओं को स्वस्थ और निरोग्य रखने और शरीर से टोक्सिन बाहर निकालने मे सहयक है, इसी कारण यह हमारे शरीर मे पढ़े हुवे दाग़ धब्बे से छुटकारा दिलाता है, वा स्किन स्वस्थ रखने मे हमारी मदद करता है.

झुर्रिया दूर करने  मे सहायक

गिलोय मे एंटी एजिंग क़े गुड़ पाये जाते है, जिसके कारण यह हमारे बढ़ती उम्र क़े कारण होने वाले झुर्रिया को रोकने मे मदद करता है, गिलोय का नियमित सेवन करने से बीमारिया दूर होने क़े साथ यह हमारे त्वचा को स्वस्थ्य रखता है.

मधुमेह रोग मे लाभकारी

गिलोय  मधुमेह  रोग को दूर रखने में भी सहायता करता है. फोर्टिस अस्पताल के डॉ. मनोज आहूजा का मानना है कि उनके अनुसार गिलोय हाईपोग्लोकेमिक एजेंट के रूप में काम करता है और जो भी व्यक्ति मधुमेह टाइप 2 से पीड़ित है, अगर वो इसका रस पिए तो यह इलाज में सहायक होता है. गिलोय खून में मौजूद मधुमेह के स्तर को कम करने में मदद करता है, जिस कारण मधुमेह नियंत्रित रखने मे हमारी मदद करता है.

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गिलोय से करे कब्ज का इलाज

गिलोय क़े रस को 10-20 मिली  तक का सेवन करने से यह कब्ज मे राहत प्रदान करता है. सोंठ मोटा आतिश तथा गिलोय को बराबर मात्रा मे पीसकर  गर्म पानी मे उबालकर इसका काढ़ा बनाये काढ़ा बनने क़े बाद 15-30 मिली तक नियमित सेवन करने से कब्ज वा अपच की समस्या से निजात दिलाता है.

गिलोय से करे बवासीर का इलाज

गिलोय, धनिया, हरड़ को बराबर मात्रा मे मिलाकर पानी मे उबाले और जब एक चौथाई पानी बचे तब इसमें गुड़ मिलाकर इसका सेवन करे, इस काढ़े का नियमित सेवन करने से बवासीर को ठीक करने मे मददगार साबित होगा |बवासीर (Piles) का घरेलू उपचार

पीलिया रोग मे लाभकारी

गिलोय के 20-30 मिली काढ़ा में 2 चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन-चार बार पिलाने से पीलिया रोग में लाभ करता है.
•    पुनर्नवा, पटोल क़े पत्ते नीम छाल, सोंठ, कुटी, गिलोय, हरड़, दारुहल्दी को बराबर मात्रा मे लेकर इसका काढ़ा बनाये, काढ़ा पानी मे उबालके बनाये काढ़ा बनने क़े बाद इस काढ़े का नियमित 30 मिली तक इसका सेवन करे ऐसा करने से यह पीलिया रोग ठीक करता है.

गिलोय गठिया मे फायदेमंद

गिलोय गठिया रोग मे बहुत ही लाभकारी औषधि है, इसका नियमित सेवन करने से गठिया रोग से निजात दिलाने मे मदद करता है, गिलोय का सेवन आप गिलोय का जूस का भी कर सकते है, वा गिलोय क़े चूर्ण का भी कर सकते है, अगर आप गिलोय क़े जूस का सेवन करते है, तो ऐसे मे इसका सेवन 20-30 मिली तक नियमित खाली पेट करे वा चूर्ण का सेवन करते है तो ऐसे मे छोटी चमच चूर्ण का नियमित सेवन करे

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गिलोय जूस क़े फायदे |Giloy juice benefits in hindi

गिलोय क़े जूस का पूरा लाभ उठाने क़े लिए इसका सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए, गिलोय जूस का सेवन सुबह खाली पेट करने से इसके कई सारे फायदे होते है.

•आयुर्वेद मे हर रोग का कारण है, वात पित्त और कफ का नियंत्रित ना होना अगर ऐसे मे आप गिलोय जूस का सेवन करते है, तो यह आपके वात, पित्त, और कफ को नियंत्रण मे रखता है

•गिलोय क़े जूस का नियमित सेवन करने से यह हमारा रोग प्रतिरोधक छमता को बढ़ाता है, जो की हमें वायरल बीमारी से बचाता है, वा उससे लड़ने मे हमारी मदद करता है 

गिलोय सेवन करने मात्रा (How much to consume giloy? )

गिलोय सेवन करने की मात्रा -
गिलोय काढ़ा - 30 मिली
गिलोय रस    - 15-20 मिली
गिलोय चूर्ण - एक छोटी चमच
या  बेहतर रिजल्ट क़े लिए बैध से सलाह लेकर इसकी मात्रा निर्धारित करे

गिलोय का सेवन करने का तरीका (How to use giloy)

गिलोय क़े सेवन करने का तरीका यह है, की गिलोय क़े रस का सेवन कर सकते है, यह सुखाकर उसका पाउडर बनाके चूर्ण क़े रूप मे भी इसका सेवन कर सकते है, इसके अलावा आप गिलोय का काढ़ा बनाकर भी इसका सेवन कर सकते है.

भारत मे गिलोय कहा पाया जाता है?Where giloy found in india

गिलोय भारत मे लगभग हर जगह पाया जाता है, यह कुमाऊ से आसाम तक, उत्तरप्रदेश वा बिहार तथा कोकण से कर्नाटक तक गिलोय मिलती है.

गिलोय से नुकसान |Side effect of giloy?

वैसे तो गिलोय क़े कोई भयंकर नुकसान देखने को नहीं मिला है, यह लगभग पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन जिन्हे मधुमेह की शिकायत हो

गिलोय मधुमेह कम करता है। इसलिए जिन्हें कम डायबिटीज की शिकायत हो, वे गिलोय का सेवन न करें।

इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

Giloy ke fayde in hindi



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